पशुपालन विभाग, चित्तूर ने किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। विभाग ने मिनी गोकुल योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत किसानों को पशुपालन के लिए विशेष सहायता प्रदान की जाएगी।
इस योजना में किसानों को 2, 4 या 6 मवेशियों के लिए मिनी गोकुल की सुविधा दी जाएगी। दो मवेशियों के लिए कुल 1.15 लाख रुपये की सहायता में से किसान को मात्र 11,500 रुपये का योगदान करना होगा। चार मवेशियों के लिए 1.85 लाख में से 18,500 रुपये और छह मवेशियों के लिए 2.30 लाख में से 23,000 रुपये का योगदान किसान द्वारा किया जाएगा।
भेड़-बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए विभाग ने विशेष प्रावधान किए हैं। 20 भेड़ या बकरियों के शेड के लिए 1.30 लाख रुपये की सहायता में से किसान को 39,000 रुपये देने होंगे। 50 पशुओं के लिए 2.30 लाख रुपये में से 69,000 रुपये किसान का हिस्सा होगा।
मुर्गी पालन को भी इस योजना में शामिल किया गया है। 100 मुर्गियों के शेड के लिए 87,000 रुपये की सहायता में किसान को 26,100 रुपये का योगदान करना होगा। 200 मुर्गियों के लिए 1.32 लाख रुपये में से 39,600 रुपये किसान द्वारा दिए जाएंगे।
यह योजना विशेष रूप से अनुसूचित जाति/जनजाति, गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों, महिला किसानों, विकलांग किसानों और छोटे व सीमांत किसानों के लिए है। आवेदन के लिए आधार कार्ड, जॉब कार्ड, भूमि स्वामित्व के दस्तावेज और बैंक पासबुक की आवश्यकता होगी।
यह योजना किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। रोजगार गारंटी निधि के माध्यम से अधिकांश वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है, जिससे किसानों पर वित्तीय बोझ कम होगा। इस योजना से न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि पशुपालन के क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।