केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण पहल के तहत देश के सभी विद्यार्थियों के लिए अपार कार्ड (Automated Permanent Academic Account Registry) लॉन्च किया है। यह ‘वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी’ के रूप में जाना जाने वाला एक विशेष डिजिटल पहचान पत्र है, जो छात्रों की संपूर्ण शैक्षणिक यात्रा को एक जगह पर संग्रहित करेगा।
अपार कार्ड एक विशिष्ट पहचान संख्या प्रदान करता है, जो आधार कार्ड की तरह अनूठी होती है। यह प्री-प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा तक के सभी शैक्षणिक रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में संभालता है। इसमें छात्र की सभी उपलब्धियां, परीक्षा परिणाम, छात्रवृत्तियां और पुरस्कार एक ही जगह पर सुरक्षित रहते हैं। यह सिस्टम शैक्षणिक दस्तावेजों के आसान प्रबंधन और सत्यापन में मदद करता है।
डेटा सुरक्षा और नियंत्रण
अपार कार्ड में छात्रों का डेटा पूरी तरह से सुरक्षित रखा जाता है। स्कूलों को इनरोलमेंट की जिम्मेदारी दी गई है, और यह अभिभावकों की सहमति से ही बनाया जाता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि माता-पिता या अभिभावक किसी भी समय अपने बच्चे का डेटा हटा सकते हैं। सरकार ने आश्वासन दिया है कि इस डेटा का दुरुपयोग नहीं किया जाएगा।
पंजीकरण प्रक्रिया
अपार कार्ड के लिए पंजीकरण प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है। आवेदक को सरकारी पोर्टल apaar.education.gov.in पर जाकर ‘Create Your APAAR’ विकल्प का चयन करना होता है। डिजिलॉकर के माध्यम से लॉगिन करके आवेदन प्रक्रिया को पूरा किया जा सकता है। यह प्रक्रिया सरल और उपयोगकर्ता-मित्र बनाई गई है।
अपार कार्ड शिक्षा क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है। यह न केवल छात्रों के शैक्षणिक रिकॉर्ड को डिजिटल बनाता है, बल्कि शैक्षणिक प्रशासन को भी सरल बनाता है। भविष्य में यह कार्ड छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज साबित होगा, जो उनकी शैक्षणिक यात्रा को प्रमाणित और सुव्यवस्थित करेगा।
इस तरह, अपार कार्ड भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक नया अध्याय जोड़ रहा है, जो डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह छात्रों, शिक्षकों और शैक्षणिक संस्थानों के लिए एक वरदान साबित होगा, जो शैक्षणिक प्रक्रियाओं को और अधिक पारदर्शी और कुशल बनाएगा।