मौद्रिक नीति के तहत एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2000 रुपये के नोटों की वर्तमान स्थिति का विवरण प्रस्तुत किया है। केंद्रीय बैंक के मुताबिक अब तक 98 प्रतिशत से अधिक नोट बैंकिंग प्रणाली में लौट चुके हैं।
नोटों की वर्तमान स्थिति
विगत वर्ष मई में जब इन नोटों को चलन से बाहर करने का निर्णय लिया गया, तब कुल 3.56 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोट प्रचलन में थे। नवंबर 2024 तक यह राशि घटकर मात्र 6,839 करोड़ रुपये रह गई है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि अधिकतर नागरिकों ने समय रहते अपने नोट जमा करा दिए हैं।
जमा प्रक्रिया में नए बदलाव
प्रारंभ में सभी बैंक शाखाओं में नोट जमा किए जा सकते थे, परंतु अक्टूबर 2023 के बाद से यह सुविधा केवल आरबीआई के चुनिंदा कार्यालयों तक सीमित कर दी गई है। नागरिकों की सुविधा के लिए भारतीय डाक सेवा के माध्यम से भी नोट जमा करने का विकल्प उपलब्ध कराया गया है।
देश के विभिन्न भागों में स्थित आरबीआई के 19 निर्गम कार्यालय अब इन नोटों के विनिमय का कार्य कर रहे हैं। इन केंद्रों में मुंबई, दिल्ली, कोलकाता जैसे महानगरों के साथ-साथ भोपाल, जयपुर, पटना जैसे क्षेत्रीय केंद्र भी शामिल हैं, जिससे देश के हर कोने के नागरिकों को सुविधा मिल सके।
इस प्रकार आरबीआई की यह पहल न केवल उच्च मूल्य के नोटों के प्रचलन को नियंत्रित करने में सफल रही है, बल्कि इससे देश की मौद्रिक नीति के प्रभावी क्रियान्वयन में भी मदद मिली है।