आरबीएल बैंक और बजाज फाइनेंस ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए अपने को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड की नई मेंबरशिप को बंद करने की घोषणा की है। यह फैसला बैंक की नई व्यावसायिक रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत बैंक अपने क्रेडिट कार्ड कारोबार को विविध बनाने की योजना पर काम कर रहा है।
इस निर्णय से मौजूदा कार्डधारकों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। वर्तमान में जिन ग्राहकों के पास यह को-ब्रांडेड कार्ड हैं, वे इसका उपयोग पहले की तरह जारी रख सकते हैं। साथ ही, वे चाहें तो अपने कार्ड को आरबीएल बैंक के रेगुलर क्रेडिट कार्ड में बदलवा सकते हैं। बैंक ने स्पष्ट किया है कि सभी सुविधाएं और लाभ पहले की तरह ही मिलते रहेंगे।
आरबीएल बैंक के क्रेडिट कार्ड विभाग के प्रमुख बिक्रम यादव के अनुसार, बजाज फिनसर्व के साथ को-ब्रांडेड कार्ड बैंक के मासिक कार्ड वितरण का लगभग 25-30 प्रतिशत हिस्सा था। अब बैंक की नई रणनीति के तहत को-ब्रांडेड साझेदारी से होने वाले योगदान को घटाकर 10-15 प्रतिशत तक सीमित करने का लक्ष्य है।
पिछले डेढ़ साल में आरबीएल बैंक ने अपनी कार्यप्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। बैंक ने सीधे ग्राहकों तक पहुंचने और नई कंपनियों के साथ साझेदारी पर ज्यादा ध्यान दिया है। इसका प्रभाव को-ब्रांडेड कार्ड के आंकड़ों में स्पष्ट दिखाई देता है। सितंबर 2023 में जहां बैंक ने 1.26 लाख को-ब्रांडेड कार्ड जारी किए थे, वहीं सितंबर 2024 तक यह संख्या घटकर 37 हजार रह गई।
बैंक ने अपने व्यवसाय को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कई प्रतिष्ठित कंपनियों के साथ नई साझेदारियां की हैं। इनमें महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंस लिमिटेड, टीवीएस फाइनेंस लिमिटेड और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं। वर्तमान में बैंक के पास कुल 34 लाख को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड हैं।
आरबीएल बैंक का यह कदम उसकी दूरदर्शी व्यावसायिक रणनीति का परिचायक है। बैंक का मानना है कि विभिन्न क्षेत्रों की कंपनियों के साथ साझेदारी करने से न केवल जोखिम कम होगा, बल्कि ग्राहकों को भी विविध विकल्प मिलेंगे। यह रणनीति बैंक को अपने क्रेडिट कार्ड व्यवसाय में स्थिरता और विकास प्रदान करेगी।