केंद्र सरकार ने पेंशनभोगियों की सुविधा के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। विशेष रूप से 60 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनभोगियों के लिए लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने की प्रक्रिया को अब और सरल बना दिया गया है। 80 वर्ष या उससे अधिक आयु के पेंशनभोगियों के लिए यह सुविधा 1 अक्टूबर से, जबकि अन्य पेंशनभोगियों के लिए 1 नवंबर से उपलब्ध है।
हाल ही में साइबर अपराधियों ने पेंशनभोगियों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। ये अपराधी पेंशनभोगियों को फोन कर लाइफ सर्टिफिकेट अपडेट करने के नाम पर उनकी व्यक्तिगत जानकारी और ओटीपी मांगते हैं। महत्वपूर्ण है कि पेंशन निदेशालय कभी भी फोन पर ऐसी जानकारी नहीं मांगता। अपराधी पेंशनभोगियों का डेटा, जैसे पीपीओ नंबर, आधार कार्ड नंबर, और मासिक पेंशन राशि का उपयोग कर उन्हें धोखा देने का प्रयास करते हैं।
सरकार ने पेंशनभोगियों की सहायता के लिए दो महत्वपूर्ण सुविधाएं प्रदान की हैं। पहली है डोर-स्टेप सेवा, जिसमें बीमार पेंशनभोगियों के लिए बैंक कर्मचारी घर आकर लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने में मदद करेंगे। दूसरी है फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक, जिसके माध्यम से एंड्रॉइड स्मार्टफोन पर “जीवन प्रमाण ऐप” के जरिए लाइफ सर्टिफिकेट जमा किया जा सकता है।
नवंबर 2023 में चलाए गए जागरूकता अभियान में 70.8 लाख केंद्रीय पेंशनभोगियों में से लगभग 55 लाख ने डिजिटल माध्यम से लाइफ सर्टिफिकेट जमा किया। सुरक्षित रहने के लिए पेंशनभोगियों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी अनजान कॉल पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी या ओटीपी साझा न करें और केवल अधिकृत माध्यमों का ही उपयोग करें।
अस्वीकरण: यह लेख केंद्र सरकार द्वारा जारी निर्देशों और सूचनाओं पर आधारित है। कृपया किसी भी डिजिटल लेनदेन या व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से पहले आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें। साइबर सुरक्षा के लिए सतर्क रहें और संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत रिपोर्ट करें।