भारत सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए पीएम सूर्य घर योजना में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना और पर्यावरण की रक्षा करना है।
इस योजना के तहत ग्राम पंचायतों को हर सोलर पैनल की स्थापना पर एक हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि इस साल करीब नौ लाख से ज्यादा परिवारों को सोलर पैनल से जोड़ा जाए। इससे पंचायतों को लगभग 93 करोड़ रुपये का लाभ मिलने की उम्मीद है।
सरकार ने सोलर पैनल की क्षमता के हिसाब से सहायता राशि तय की है। एक किलोवाट के लिए तीस हजार, दो किलोवाट के लिए साठ हजार और तीन किलोवाट के लिए अठहत्तर हजार रुपये की सहायता दी जाएगी। यह मदद लोगों को सौर ऊर्जा अपनाने में सहायक होगी।
इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की उपलब्धता बढ़ेगी और लोगों के बिजली बिल में कमी आएगी। किसान अतिरिक्त बिजली बेचकर अपनी आय बढ़ा सकेंगे। साथ ही, यह पर्यावरण की रक्षा में भी मददगार साबित होगी।
सरकार ने योजना को सफल बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। गांवों में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रचार अभियान चलाया जाएगा। सोलर पैनल लगाने के लिए आसान कर्ज की सुविधा दी जाएगी। साथ ही, तकनीकी प्रशिक्षण और रखरखाव की भी व्यवस्था की जाएगी।
योजना का लाभ लेने के लिए लोग अपने नजदीकी पंचायत कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। जरूरी दस्तावेजों के साथ आवेदन करने के बाद तकनीकी जांच होगी। मंजूरी मिलने पर सोलर पैनल लगवाया जा सकता है।
सरकार अगले वित्तीय वर्ष में इस योजना के लिए और अधिक धन आवंटित करने की योजना बना रही है। इससे न केवल गांवों में रोशनी बढ़ेगी, बल्कि भारत स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में एक नई ऊंचाई पर पहुंचेगा। यह पहल ग्रामीण विकास और पर्यावरण संरक्षण दोनों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।