अब गेहूं, चावल के साथ साथ मिलेंगे ये 10 बड़े लाभ, सरकार ने दिया बड़ा तोहफा

भारत सरकार ने राशन कार्ड प्रणाली में कई महत्वपूर्ण सुधार किए हैं जो गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए एक बड़ी राहत साबित होंगे। नई व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य वास्तविक लाभार्थियों तक सरकारी सुविधाओं को पहुंचाना और पोषण स्तर में सुधार करना है।

अब राशन की दुकानों पर पहले से अधिक खाद्य वस्तुएं उपलब्ध होंगी। गेहूं, चना और चीनी के अलावा, नमक, सरसों का तेल, सोयाबीन और विभिन्न प्रकार के मसाले भी शामिल किए गए हैं। यह कदम लाभार्थियों के पोषण स्तर में सुधार लाएगा, विशेष रूप से बच्चों और महिलाओं के लिए।

सरकार ने राशन कार्ड धारकों के लिए ई-केवाईसी को अनिवार्य कर दिया है। यह निर्णय फर्जी राशन कार्डों को समाप्त करने और वास्तविक जरूरतमंद लोगों तक सुविधाएं पहुंचाने के लिए लिया गया है। सभी राशन कार्ड धारकों को 30 दिसंबर तक अपना ई-केवाईसी पूरा करना होगा।

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वर्तमान में लगभग 90 लाख से अधिक अपात्र व्यक्ति राशन का लाभ ले रहे हैं, जिनमें आयकर दाता भी शामिल हैं। नई व्यवस्था के तहत, ऐसे कार्ड पहचाने और रद्द किए जाएंगे। नवंबर से इन अपात्र व्यक्तियों को मुफ्त राशन की सुविधा नहीं मिलेगी।

सरकार ने मुफ्त राशन योजना को 2028 तक बढ़ा दिया है। यह निर्णय गरीब परिवारों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पात्र लाभार्थियों को अगले चार वर्षों तक बिना किसी कीमत के राशन मिलता रहेगा।

सभी राशन कार्ड धारकों को सलाह दी जाती है कि वे निर्धारित समय सीमा में अपना ई-केवाईसी पूरा करें। ई-केवाईसी न करवाने वाले कार्डधारकों को राशन की सुविधा से वंचित होना पड़ सकता है।

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यह नई व्यवस्था न केवल पारदर्शिता बढ़ाएगी, बल्कि भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगाएगी। डिजिटल प्रणाली राशन वितरण की निगरानी को और अधिक कुशल बनाएगी। सरकार का यह प्रयास समाज के कमजोर वर्गों के स्वास्थ्य और पोषण को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

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