नई तकनीक आई सामने अब बीना नेटवर्क भी लग जाएगी कॉल और मैसेज, सब इलाकों में चलेगा सुपरफास्ट फास्ट इंटरनेट

एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक ने भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उनकी नवीन ‘डायरेक्ट टू सेल’ तकनीक भारत के दूरदराज के क्षेत्रों में संचार की पारंपरिक बाधाओं को तोड़ने की क्षमता रखती है। यह तकनीक मोबाइल नेटवर्क की सीमाओं से परे संचार की एक नई संभावना प्रदान करती है।

पारंपरिक मोबाइल नेटवर्क में मोबाइल टावरों पर निर्भरता एक बड़ी चुनौती रही है। स्टारलिंक की यह नई तकनीक इस समस्या का समाधान प्रस्तुत करती है। अब उपयोगकर्ता सीधे पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे उपग्रहों से कनेक्शन प्राप्त कर सकेंगे। इसका अर्थ है कि जहां मोबाइल टावर नहीं पहुंचते, वहां भी संचार संभव होगा।

इस तकनीक की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके लिए उपयोगकर्ताओं को नया मोबाइल डिवाइस खरीदने की आवश्यकता नहीं होगी। वर्तमान स्मार्टफोन पर ही यह सेवा काम करेगी। LTE तकनीक का उपयोग करके, स्टारलिंक ने एक ऐसी प्रणाली विकसित की है जो मौजूदा मोबाइल नेटवर्क के साथ सहजता से काम कर सकती है।

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हालांकि, इस तकनीक को व्यावहारिक रूप से लागू करने में कुछ चुनौतियां हैं। eNodeB नामक विशेष हार्डवेयर की आवश्यकता होगी, और टेलीकॉम ऑपरेटर्स के साथ विस्तृत अनुबंध करने होंगे। इसके अलावा, इस सेवा के लिए अतिरिक्त शुल्क भी लिया जा सकता है।

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस तकनीक के महत्व को पहचाना है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि सरकार का लक्ष्य कम लागत में उच्च गुणवत्ता वाली संचार सेवाएं प्रदान करना है। यह प्रयास भारत के दूरसंचार क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

स्टारलिंक की यह तकनीक भारत के दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए एक वरदान साबित हो सकती है। अब वे बिना किसी नेटवर्क की चिंता किए अपने परिवार और दोस्तों से जुड़ सकेंगे, इंटरनेट का उपयोग कर सकेंगे और संचार की मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे।

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