बैंक से पैसा निकालना आजकल एक सामान्य बात है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसमें कई महत्वपूर्ण नियम हैं? हर व्यक्ति को अपने बैंक खाते से पैसा निकालते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए।
आयकर अधिनियम ने नकद निकासी पर कुछ महत्वपूर्ण नियम बनाए हैं जो हर बैंक ग्राहक को जानने चाहिए। यदि आप एक वित्तीय वर्ष में 20 लाख रुपये से अधिक राशि निकालते हैं, तो आपको टीडीएस (TDS) का भुगतान करना पड़ सकता है। यह नियम विशेष रूप से उन लोगों पर लागू होता है जिन्होंने पिछले तीन वर्षों में आयकर रिटर्न नहीं भरा है।
आयकर रिटर्न जमा करने वालों के लिए राहत
जो लोग नियमित रूप से अपना आयकर रिटर्न जमा करते हैं, उनके लिए कुछ विशेष छूट है। ऐसे ग्राहक एक वित्तीय वर्ष में बिना किसी टीडीएस के 1 करोड़ रुपये तक निकाल सकते हैं। यह नियम उन लोगों के लिए एक बड़ी राहत है जो अपने वित्तीय दायित्वों का समय पर निर्वाह करते हैं।
टीडीएस के विभिन्न स्तर
टीडीएस की दर विभिन्न परिस्थितियों में बदलती रहती है। यदि आप एक वित्तीय वर्ष में 1 करोड़ रुपये से अधिक राशि निकालते हैं, तो 2 प्रतिशत की दर से टीडीएस लगेगा। हालांकि, यदि आपने पिछले तीन वर्षों में आयकर रिटर्न नहीं भरा है, तो 20 लाख रुपये से अधिक पर 2 प्रतिशत और 1 करोड़ रुपये से अधिक पर 5 प्रतिशत टीडीएस लगेगा।
एटीएम निकासी पर अतिरिक्त शुल्क
भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार, एटीएम से निश्चित संख्या में ट्रांजैक्शन के बाद अतिरिक्त शुल्क लगता है। अधिकांश बैंक अपने एटीएम से हर महीने पांच ट्रांजैक्शन मुफ्त देते हैं, जबकि दूसरे बैंक के एटीएम से तीन ट्रांजैक्शन मुफ्त होते हैं। मेट्रो शहरों में, अपने बैंक के एटीएम से भी केवल तीन बार मुफ्त ट्रांजैक्शन मिलते हैं।
अपने बैंक खाते से पैसा निकालते समय हमेशा इन नियमों को ध्यान में रखें। नियमित आयकर रिटर्न जमा करें और अपनी नकद निकासी की सीमा का ख्याल रखें। यह न केवल अतिरिक्त शुल्क से बचने में मदद करेगा, बल्कि आपके वित्तीय प्रबंधन को भी बेहतर बनाएगा।