अगर आप भी है बेटी के बाप तो मनाइये ख़ुशी, 21 साल की उम्र में सरकार देगी पुरे 25 लाख

हर माता-पिता अपनी बेटी के उज्जवल भविष्य की कल्पना करते हैं। परंतु सपनों को साकार करने के लिए वित्तीय योजना महत्वपूर्ण होती है। इसी संदर्भ में भारत सरकार ने एक अनूठी पहल की है – सुकन्या समृद्धि योजना। यह योजना केवल एक बचत योजना नहीं, बल्कि बेटियों के सशक्तिकरण का एक सशक्त माध्यम है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 22 जनवरी 2015 को शुरू की गई यह योजना “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका मूल उद्देश्य है बेटियों के भविष्य को मजबूत आर्थिक नींव प्रदान करना। जन्म से लेकर 10 वर्ष तक की बालिकाएं इस योजना का लाभ ले सकती हैं, जो उनके शैक्षणिक और व्यक्तिगत लक्ष्यों को पूरा करने में सहायक होगी।

योजना की सबसे आकर्षक विशेषता है इसकी लचीली निवेश व्यवस्था। माता-पिता मासिक 250 रुपये से लेकर 1.5 लाख रुपये तक जमा कर सकते हैं। वर्तमान में 8.2 प्रतिशत की ब्याज दर, जो बैंक की साधारण जमा दरों से काफी अधिक है, निवेशकों को आकर्षित करती है। 15 वर्षों के निवेश काल के बाद बेटी 21 वर्ष की आयु में पूरी राशि प्राप्त कर सकती है।

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एक उदाहरण लें – यदि कोई माता-पिता हर महीने 5,000 रुपये जमा करते हैं, तो 15 वर्षों में उनकी कुल जमा राशि 9,00,000 रुपये होगी। परंतु परिपक्वता पर उन्हें लगभग 25,46,062 रुपये प्राप्त होंगे। यह गणना दर्शाती है कि कैसे छोटी-छोटी बचत बड़ी धनराशि में परिवर्तित हो सकती है।

खाता खोलने की प्रक्रिया भी सरल है। आधार कार्ड, जन्म प्रमाणपत्र, निवास प्रमाणपत्र और माता-पिता का पैन कार्ड जैसे दस्तावेज तैयार रखें। निकटतम बैंक या डाकघर में जाकर आवेदन पत्र भरें और अपनी बेटी का भविष्य सुरक्षित करें।

सुकन्या समृद्धि योजना केवल एक वित्तीय उत्पाद नहीं है, बल्कि यह समाज में बेटियों के प्रति सम्मान और उनके सशक्तिकरण का प्रतीक है। यह हमें याद दिलाता है कि बेटियां किसी भी परिवार और समाज की धड़कन हैं, और उनके सपनों में निवेश करना हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है।

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